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मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के विभागों से संबंधित 4529.37 करोड़ रूपए की अनुदान मांगे पारित

रायपुर।   नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के विभागों के लिए प्रस्तुत अनुदान मांगों के लिए कुल 4529 करोड़ 37 लाख 2 हजार रूपए की राशि आज यहां विधानसभा में ध्वनि मत से पारित कर दी गई है। स्वीकृत अनुदान मांगों में मांग संख्या 22 नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नगरीय निकाय हेतु 15 करोड़ 34 लाख रूपए की राशि पारित की गई है। मांग संख्या 69 नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नगरीय कल्याण हेतु 1198 करोड़ 86 लाख 50 हजार रूपए की राशि और मांग संख्या 81 नगरीय निकायों को वित्तीय सहायता हेतु 3111 करोड़ 27 लाख 56 हजार रूपए और मांग संख्या 18 श्रम विभाग की अनुदान मांगों के लिए 203 करोड़ 88 लाख 96 हजार रूपए की अनुदान मांग पारित की गई है।

विधानसभा में अनुदान मांगों की चर्चा का उत्तर देते हुए नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नगरीय निकायों के अधोसंरचना विकास हेतु एक हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जिससे नगरीय निकायों को बुनियादी सुविधाओं एवं अन्य अधोसंरचना विकास हेतु राशि उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि शहरों में बेहतर अधोसंरचनात्मक विकास एवं मूलभूत सुविधाओं के उन्नयन हेतु अतिरिक्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध होंगे। डॉ. डहरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा नगरीय निकायों को 941 करोड़ रूपए की राशि जारी करने की घोषणा की गई है। जिसमें नगर निगम रायपुर को 100 करोड़ रूपए, भिलाई को 60 करोड़ रूपए, बिलासपुर को 50 करोड़ रूपए, दुर्ग को 25 करोड़ रूपए तथा भिलाई-चरोदा, अम्बिकापुर एवं जगदलपुर को 20-20 करोड़, रायगढ़ एवं कोरबा को 15-15 करोड़ रूपए, बीरगांव, धमतरी एवं चिरमिरी को 10-10 करोड़ रूपए की राशि प्रदान की जाएगी तथा राज्य की सभी नगर पालिकाओं को 5-5 करोड़ रूपए और नगर पंचायतों को 3-3 करोड़ रूपए प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस राशि से शहरों के मार्केट एरिया में सीसीटीवी लगाए जाएंगे और आधुनिक शौचालयों का निर्माण एवं प्रकाश व्यवस्था के लिए खर्च की जाएगी।

नगरीय प्रशासन मंत्री ने बताया कि नगरीय निकाय क्षेत्रों में निवासरत नव युवक-युवतियों को कौशल प्रशिक्षण के साधन उपलब्ध कराने के साथ ही आजीविका एवं रोजगार के अवसर प्रदान करने के प्रयास निरंतर किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र के परंपरागत व्यवसाय करने हेतु इच्छुक व्यक्तियों एवं स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को कौशल उन्नयन उपरांत शहरी क्षेत्रों में व्यवसाय हेतु पौनी-पसारी बाजार योजना के माध्यम से लाभान्वित किया गया है। शहरों में रीपा की तर्ज पर अर्बन कॉटेज एंड सर्विस इंडस्ट्रीज पार्क लगाए जाएंगे। साथ ही शहरी गौठानों को मल्टीपरपज एक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित करने का कार्य किया जाएगा। डॉ. डहरिया ने बताया कि स्वच्छ अमृत महोत्सव कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को वर्ष 2022 में भारत सरकार आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 हेतु द्वितीय स्वच्छतम राज्य का खिताब मिला है। वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 में छत्तीसगढ़ को देश के स्वच्छतम राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। डॉ. डहरिया ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में निवासरत नागरिकों को उनके चौखट पर ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत सभी नगरीय निकायों में लोगों को मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा मेडिकल कैम्प के माध्यम से चिकित्सकों की टीम द्वारा मुफ्त में परामर्श, उपचार, दवाईयां एवं स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा प्रदान की जा रही है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल योजना के तहत बहुत कम रेट पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाईयां नागरिकों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने जल आर्वधन योजनाओं का विस्तार किया जा रहा है। डॉ. डहरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी को उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान किया गया है। सबके लिए आवास मिशन के तहत आवासों का निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह से राज्य के श्रमिकों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। श्रमिकों के स्वास्थ्य, बच्चों एवं बच्चों की शिक्षा के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिससे राज्य के श्रमिक लाभान्वित हो रहे हैं।

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